Nurture students to become engaged, productive, and contributing citizen
भारत की प्रतिष्ठा में संस्कृत एवं संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान है । भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आ चुकी है। इसके अनुसार शिक्षार्थी आत्मनिर्भर हों एतदर्थ विषय सहज व बोधगम्य बनाने के लिए मातृभाषा एवं भारत की क्षेत्रीय भाषाओं के द्वारा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की संस्तुति की गयी है। विषयों के चयन को सहज व सुलभ बनाया गया है। इसी दिशा में छात्रों को संस्कार पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए यह संस्था सन् 1948 से निरंतर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है । यह संस्था प्राथमिक स्तर से आरम्भ होकर सन् 2023 में पीएमश्री योजना के अन्तर्गत अपना महत्वपूर्ण स्थान बना चुकी है। संस्था कक्षा 6 से 12 कक्षा तक कला,विज्ञान, एवं वाणिज्य संकायों में शिक्षा के अवसर प्रदान कर रही है। हरियाणा राज्य में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों, राष्ट्रीय सेवा योजना, योग, क्रीड़ा, स्वास्थ्य शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, ईको क्लब आदि की व्यवस्था है। संस्कार पूर्ण शिक्षा के उद्देश्य से प्रार्थना सभा में छात्र केंद्रित, पाठ्य पुस्तक केंद्रित, समसामयिक पर्व एवं उत्सव केन्द्रित गतिविधियां संचालित की जाती हैं । शिक्षार्थी को राष्ट्रभक्त, कर्तव्य परायण, अनुशासित, सत्यनिष्ठ, प्रबन्धन निपुण, कार्यकुशल, कृतज्ञ व ध्येयनिष्ठ बनाने के लिए सदनों की स्थापना व विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। इस विधा से सांस्कृतिक गतिविधियों, विज्ञान- गणित प्रदर्शनी व क्रीड़ा में सहभागिता के पूर्ण अवसर प्रदान किए जाते हैं । इन सब प्रयासों के द्वारा शिक्षार्थियों को हमेशा अनुशासित व ऊर्जावान बनाकर विद्यालय को परिवार व परिवार को विद्यालय बनाने का हमारा सतत प्रयास है।